लैलूंगा। क्षेत्र की जनता और जनप्रतिनिधियों ने अब आवाज़ बुलंद करते हुए सरपंच संघ के अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा है कि पंचायत सचिव और पटवारी को पहचानने के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाए और हर सप्ताह कम से कम 2 दिन पंचायत भवन में उनकी अनिवार्य उपस्थिति तय की जाए।

ग्रामीणों का कहना है कि जब जनता को योजनाओं का लाभ लेना होता है तो उन्हें सचिव और पटवारी की तलाश करनी पड़ती है। कई बार कार्यालय बंद रहते हैं और अधिकारी-कर्मचारी गांव में दिखते तक नहीं। इससे आम लोग योजनाओं का सीधा लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं।
जनप्रतिनिधियों ने मांग उठाई है कि जैसे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का अपना यूनिफार्म है, वैसे ही पंचायत सचिव और पटवारियों को भी ड्रेस कोड में रहना चाहिए, ताकि ग्रामीण उन्हें आसानी से पहचान सकें।
इसके साथ ही यह भी तय किया जाए कि सप्ताह में कम से कम 2 दिन पंचायत कार्यालय में उनकी मौजूदगी अनिवार्य रहे, ताकि जनता अपनी समस्याओं और सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी सीधे उनसे प्राप्त कर सके।
ग्रामीणों का कहना है कि यह नियम लागू होने से पारदर्शिता बढ़ेगी, रिश्वतखोरी पर अंकुश लगेगा और सबसे बड़ी बात – गांव का विकास तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
सरपंच संघ के अध्यक्ष शिव कुमार भगत ने कहा कि जल्द ही इस मांग को लेकर राजस्व अधिकारी और जनपद सीईओ लैलूंगा को ज्ञापन सौंप कर यह मांग रखी जायेगी ।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस बवाल मांग पर कब और कैसे एक्शन लेता है।
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