लैलूंगा/खारुन नदी बेरियर चौक से होकर गुजरने वाला कोतबा मुख्य मार्ग इन दिनों गंभीर खतरे की ओर बढ़ता जा रहा है। सड़क का किनारा खेत की ओर से लगातार धसक रहा है। हालात यह है कि लगभग एक मीटर तक सड़क धस चुकी है, लेकिन PWD विभाग के अधिकारी अब तक मूकदर्शक बने बैठे हैं। रोजाना इस रास्ते से हजारों लोग, छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं, मगर जिम्मेदारों की बेरुखी किसी बड़ी अनहोनी को न्यौता दे रही है।

नदी की धार और सड़क की कमजोर नींव
स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से नदी का दबाव सड़क की ओर बढ़ा है। बरसात में पानी का तेज बहाव सड़क किनारे की मिट्टी को काटता जा रहा है। लगातार मिट्टी खिसकने से सड़क का किनारा टूटकर खेत में समा रहा है। सड़क की चौड़ाई घट गई है और अब मात्र आधे हिस्से पर ही वाहन आवाजाही कर पा रहे हैं।
रोजाना जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं राहगीर
इस मार्ग से कोतबा, लैलूंगा, और रायगढ़ की ओर जाने वाले वाहन गुजरते हैं। भारी ट्रक, बस और चारपहिया वाहन रोजाना इस पर चलते हैं। मगर सड़क धसकने की वजह से अब दुर्घटना का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ गया है। राहगीर कहते हैं –
“सरकार तो सड़कों को चौड़ा करने की बातें करती है, लेकिन यहां तो आधी सड़क ही खेत में बह गई है।”
PWD अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
नगरवासियों का कहना है कि इस गंभीर समस्या की सूचना बार-बार PWD विभाग को दी गई, लेकिन अधिकारी मौके पर झांकने तक नहीं आए। मरम्मत या सुरक्षा के लिए कोई भी अस्थायी इंतज़ाम नहीं किया गया। न तो रोड किनारे बैरिकेड लगाया गया है, न ही खतरे की चेतावनी बोर्ड।
लोगों का सवाल है कि – “क्या प्रशासन को बड़ी दुर्घटना होने के बाद ही नींद खुलेगी?”
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीण अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर विभाग ने तत्काल मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया तो वे सड़क जाम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा –
“यह लापरवाही नहीं, सीधी-सीधी लूट है। करोड़ों का बजट सड़कों के नाम पर आता है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।”
बड़ी दुर्घटना की आशंका
सड़क के नदी की ओर खेत धसकने से खतरा इतना बढ़ गया है कि किसी भी समय कोई वाहन सीधे खेत में गिर सकता है। जो कि 20 फिट नीचे है ।बारिश में दृश्यता कम होने और फिसलन बढ़ने से यह खतरा और ज्यादा गंभीर हो जाता है। ट्रक या बस जैसे भारी वाहन जरा सा संतुलन खोते ही बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं।
जनता की मांग – तुरंत हो कार्यवाही
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि –
सड़क की मरम्मत तत्काल शुरू की जाए।
धसकते किनारे पर सुरक्षा दीवार (रिटेनिंग वॉल) बनाई जाए।
जब तक काम पूरा न हो, तब तक चेतावनी संकेतक और बैरिकेड लगाए जाएं।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही हो।
खारुन नदी बेरियर चौक से होकर गुजरने वाला यह मार्ग न केवल ग्रामीणों की जीवनरेखा है बल्कि व्यापार और यातायात का भी मुख्य साधन है। यदि इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो कोई भी बड़ी दुर्घटना कभी भी घट सकती है। PWD विभाग की लापरवाही और प्रशासन की चुप्पी कहीं सैकड़ों परिवारों पर भारी न पड़ जाए, यही जनता की सबसे बड़ी चिंता है।
विशेष संवाददाता – योगेश कुमार की रिपोर्ट
- मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: शिरडी, शनि सिंघनापुर व त्रयंबकेश्वर की यात्रा के लिए आवेदन 8 दिसम्बर तक - December 5, 2025
- सरसों तेल के क्या क्या लाभ एवं फायदे हैं? आइए जानते हैं। - December 5, 2025
- अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित, दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने दिखाई अपनी प्रतिभा - December 5, 2025
