समय पर रक्तदान से बची सुखमनी सिदार की जान

परमानंद दास और पौलूस दास बने मानवता के सच्चे उदाहरण
रायगढ़, 14 सितम्बर 2025 (रविवार): मानवता की मिसाल उस समय देखने को मिली जब ग्राम लैलूंगा निवासी परमानंद दास और ग्राम कमरगा निवासी पौलूस दास ने अपने निःस्वार्थ भाव से रक्तदान कर मरीज सुखमनी सिदार को नई ज़िंदगी दी।
ग्राम केशला (ब्लॉक लैलूंगा, जिला रायगढ़) की रहने वाली सुखमनी सिदार की गंभीर स्थिति के चलते उसे रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान अचानक रक्त की कमी हो गई, जिससे मरीज की हालत चिंताजनक हो गई। चिकित्सकों ने तुरंत रक्त की व्यवस्था करने को कहा। इस कठिन परिस्थिति में परमानंद दास और पौलूस दास आगे आए और रक्तदान कर दिया। उनके इस महान कार्य से सुखमनी सिदार का जीवन बच सका।
चिकित्सकों और परिजनों ने दोनों रक्तदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वास्तव में रक्तदान ही महादान है। इस अवसर पर यह भी उल्लेखनीय है कि संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को हमेशा मानवता और समाज सेवा के कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं। संत जी का संदेश है कि “मानव सेवा ही सच्ची भक्ति है।” इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर ही दोनों रक्तदाताओं ने यह कदम उठाया।
आज समाज को परमानंद दास और पौलूस दास जैसे युवाओं की आवश्यकता है, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि निःस्वार्थ सेवा ही मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।
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