लैलूंगा/ लैलुंगा विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत टूरटूरा के


आश्रित ग्राम सरमडेगा में अपने मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही है,जो अपनी विकास के नाम पर ठगी का शिकार जैसे – स्वास्थ्य, शिक्षा एवम् पुल इत्यादि को शासन – प्रशासन अनदेखा कर रही है। वस्तुत सरमडेगा के ग्रामीण
समस्याओं को अनेक मंचो और स्थानीय प्रतिनिधियों को अवगत बार – बार कराया है, परंतु इसका उचित निराकरण आज पर्यंत नही हुआ है।
उपस्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कोसों दूर
ग्राम सरमडेगा में पिछले 25 वर्षों से उप स्वास्थ्य केंद्र के नाम से पर संचालित हो रहा है, जिसका औचित्य लाभ से ग्रामीण दूर है,क्योंकि उपस्वास्थ्य केन्द्र सरमडेगा में संचालित न होकर ग्राम पंचायत बसंतपुर में एक निजी आवास में होता आ रहा है, इसका मुख्य कारण भवन निर्माण आज पर्यंत नही हुआ है, वर्तमान सरकार की सक्रियता होने के वावजूद भी भवन निर्माण न करवाना विकास के नाम पर शासन – प्रशासन की विडंबना एवम् लापरवाही का साफ संकेत है। ग्रामीणों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केन्द्र सरमडेगा में ही भवन निर्माण करना चाहिए किसी दूसरे ग्राम में संचालित होने नही देंगे।
स्कूल में बाउंड्रीवाल की अभाव
सरमडेगा के ग्रामवासी बच्चों के सुरक्षा व्यवस्था, स्कूल परिसर में चारों ओर बाउंड्रीबॉल की आवश्यकता है, ताकि बच्चे स्कूल परिसर से बाहर ना जा पावे, विशेषत स्कूल परिसर के लिए जमीन भी सुरक्षित करना गांव के लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों , सरपंच एवम् संबंधित विभाग से उपेक्षित करते हैं।
खारुन नदी के किनारे तटबंध
ग्राम सरमडेगा की जीवनदायिनी नदी, खारुन नदी के किनारे स्थित गांव के मुख्य सड़क मार्ग इसी नदी के तट से होते हुए आती है, बरसात के दिनों में मिट्टी कटाव से मुख्य मार्ग संकरा होती जा रही है। पिछले कई वर्षो से तटबंध करने की मांग को लेकर निराकरण कराने के लिए पंचायतों में मांग की जाती रही है। लेकिन आज तक समस्या का निवारण नही हो रही है।
टूटी पुल के सहारे चलते ग्रामीण
ग्राम पंचायत टूरटूरा व आश्रित गांव सरमडेगा को जोड़ने वाले छोटी पुलिया टूटी अवस्था में पड़ी हुई है, जिसमें मिट्टी डालकर वाहनों का आना जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में पुलिया के बीचों – बीच गड्ढा पड़ जाता है। जिसमें दो पहिया वाहनों के आलावा चार पहिया वाहन आने जाने में मुश्किल होता है। पुन नया पुल का निर्माण किया जावे।
कच्ची रोड़ बरसात के दिनों में परेशानी का सबब
मेन रोड़ से कच्ची रोड़ में आने के लिए अवस्थित कच्ची रोड़ कीचड़ के कारण वर्षा के मौसम में मरीजों व अन्य निशक्तजनों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। रोड़ को डामरीकरण किया जावे ग्रामीणों की मुख्य मांग है।
सभी मांगों को लेकर ग्रामीण हमेशा से प्रयासरत रही है। देखते है शासन , सरपंच एवम् संबंधित विभाग ग्रामीणों का समस्या का निदान व मांगों को कितने दिनों में पूरा करती है।
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