रायगढ़। जमीन आवंटन के सालों बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अपनी भूमि नहीं ले सका है। कई बार सीमांकन के बाद भी न तो अतिक्रमण हटे और न ही जमीन क्लीयर हुई। अब तक भूमि का सीमांकन करवाकर बाउंड्रीवॉल बन जानी थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अब तक सीमांकन ही पूरा नहीं कर सका है। भू-माफियाओं से सरकारी जमीन को बचा पाना मुश्किल हो गया है। रायगढ़ में सत्ता के संरक्षण में कई भूमफिया सरकारी जमीनें धड़ल्ले से बेच रहे हैं। स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के आसपास की जमीन पर अतिक्रमण तेजी से हो रहा है। कॉलेज को जमीन कम पड़ रही है, लेकिन आवंटित भूमि अब तक नहीं मिल सकी है। बेंद्राचुआं में पहाड़ के किनारे मिली जमीन का सीमांकन करने में भी राजस्व विभाग नाकाम हो चुका है। कॉलेज प्रबंधन की लचर कार्यशैली भी इसके लिए जिम्मेदार है।

कॉलेज में कई तरह के निर्माण के लिए आवंटित जमीन चाहिए। पूर्व में जितनी भूमि प्रशासन ने दी थी, उस पर निर्माण हो चुके हैं। अब बाकी जमीन को ढूंढऩे के लिए सीमांकन जरूरी है। मेडिकल कॉलेज के लिए कम से कम सौ एकड़ जमीन की जरूरत थी लेकिन गलत लोकेशन के कारण सरकारी जमीन कम पड़ गई। मेडिकल कॉलेज को सात खसरा नंबरों के 16.186 हे. मतलब 40 एकड़ जमीन आवंटित की गई जिस पर कॉलेज बिल्डिंग, हॉस्पिटल, हॉस्टल, डीन बंगला, ऑडिटोरियम आदि बनाया गया। जब रायगढ़ के बड़े अतरमुड़ा, बेंद्राचुआं क्षेत्र में पहाड़ के ऊपर मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रस्ताव बना तो किसी ने ड्रॉइंग-डिजाइन या प्रस्तावित भूमि पर सवाल नहीं उठाए। मेडिकल कॉलेज के लिए कम से कम सौ एकड़ जतीन की जरूरत थी लेकिन गलत लोकेशन के कारण सरकारी जमीन कम पड़ गई
निजी भूमि का अधिग्रहण होगा तो भारी भरकम राशि राज्य शासन को देनी होगी। अभी भी जितनी जमीन देने का वादा किया गया था, उतने पर पजेशन नहीं मिला है। मेडिकल कॉलेज को सबसे पहले सात खसरा नंबरों के 16.186 हे. मतलब 40 एकड़ जमीन आवंटित की गई जिस पर कॉलेज बिल्डिंग, हॉस्पिटल, हॉस्टल, डीन बंगला, ऑडिटोरियम आदि बनाया गया। यह पूरी जमीन रोड के बाईं तरफ थी। करीब 40 एकड़ जमीन में से 25 एकड़ ही नापकर दी जा सकी है। बाकी 15 एकड़ जमीन देने के लिए सीमांकन हो रहा था जो पूरा नहीं हो सका। खसरा नंबर 194/2 गोकुल नगर में 2.611 हे. मतलब 6.45 एकड़ जमीन दी गई है। सौ बिस्तर अस्पताल के आगे 5.516 हे. मतलब 13.87 एकड़ जमीन भी आवंटित की गई है जिसमें से कॉलेज को 7.41 एकड़ ही मिल सकी है। इस तरह कुल 60.31 एकड़ में से 38.86 एकड़ जमीन कॉलेज प्रबंधन को आवंटित है। यह जमीन सीमांकन करके हैंडओवर की जानी है।
अतिक्रमण भी हटाने में नाकाम
पिछली बार सौ बिस्तर अस्पताल के आसपास जमीन का सीमांकन हुआ था। वहां सरकारी जमीन पर एक बस्ती बसा दी गई है। हॉस्पिटल की दीवार से सटकर निर्माण हो चुके हैं। हॉस्पिटल बिल्डिंग के सामने भी मंदिर बनाकर अतिक्रमण किया जा चुका है। पहले छोटा मंदिर बनाया गया और अब उसे ज्यादा जगह घेरकर बनाया जा रहा है। अब यहां कई दुकानें बन चुकी हैं। कई लोगों ने अपना पक्का ठिकाना बना लिया है।
- मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: शिरडी, शनि सिंघनापुर व त्रयंबकेश्वर की यात्रा के लिए आवेदन 8 दिसम्बर तक - December 5, 2025
- सरसों तेल के क्या क्या लाभ एवं फायदे हैं? आइए जानते हैं। - December 5, 2025
- अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित, दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने दिखाई अपनी प्रतिभा - December 5, 2025
