योगेश कुमार चौहान की रिपोर्ट

रायपुर/ पत्रकारिता को समाज का दर्पण और लोकतंत्र का प्रहरी माना जाता है। इसी कड़ी में पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ की त्रिवार्षिक प्रदेश कार्यकारिणी बैठक रायपुर के सालेम हॉस्टल में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा के साथ संपन्न हुई। इस बैठक में संगठनात्मक मजबूती, पत्रकारों के प्रशिक्षण, अनुशासन, और उनके हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो न केवल पत्रकारों के कल्याण को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को और सशक्त करेंगे।
पत्रकारिता: समाज की आवाज, जिम्मेदारी का प्रतीक
पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ ने इस बैठक में पत्रकारिता को समाज की जरूरतों के अनुरूप और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया। प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार यादव ने अपने संबोधन में कहा, “पत्रकारिता केवल खबरें देने तक सीमित नहीं है; यह समाज को जागरूक करने, सच्चाई को सामने लाने और कमजोर वर्गों की आवाज को बुलंद करने का माध्यम है। इसके लिए पत्रकारों को संवैधानिक और तकनीकी ज्ञान से लैस करना जरूरी है।” उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संगठन की प्राथमिकता बताते हुए पत्रकारों को नई तकनीकों और कानूनी जागरूकता से जोड़ने की योजना प्रस्तुत की। यह कदम पत्रकारों को समाज के प्रहरी के रूप में और अधिक सक्षम बनाएगा।
संगठन को परिवार, अनुशासन को आधार
प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वप्रकाश शर्मा ने पत्रकार महासंघ को एक परिवार की संज्ञा देते हुए कहा, “हमारा संगठन एकजुटता और समरसता का प्रतीक है। छोटे-छोटे मुद्दों पर भी आपसी समझ और अनुशासन से हम समाज के लिए एक मिसाल कायम कर सकते हैं।” वहीं, द्वितीय उपाध्यक्ष शेख नसीम कुरैशी ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर संगठन की एकता और संवैधानिक कार्य संस्कृति पर बल दिया। उन्होंने अनुशासन समिति के गठन और इसके प्रभावी कार्यान्वयन को रेखांकित करते हुए पत्रकारों से नैतिकता और जिम्मेदारी के साथ काम करने का आह्वान किया।
नए नेतृत्व को जिम्मेदारी, संगठन को नई ऊर्जा
बैठक में संगठन को और मजबूत करने के लिए नए पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की गई। गरियाबंद जिले से खिलेश्वर गोस्वामी को जिला उपाध्यक्ष और कोंडागांव से कृष्णा सिंह ठाकुर को जिला सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। ये नियुक्तियां संगठन के विस्तार और जमीनी स्तर पर सक्रियता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
अनुशासन और बायलॉज में संशोधन: पारदर्शिता की ओर कदम
अनुशासन समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव भीलेपारिया ने संगठन के बायलॉज में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसमें नई कंडिकाएं जोड़कर संगठन को और पारदर्शी व जवाबदेह बनाने की योजना प्रस्तुत की गई। यह कदम पत्रकार महासंघ को एक मजबूत और विश्वसनीय संगठन के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा, जो समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।
जमीनी स्तर से उठी आवाज, साझा किए अनुभव
बैठक में रायगढ़, बालोद, और बस्तर जैसे जिलों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। रायगढ़ जिलाध्यक्ष ने सामाजिक समरसता के लिए किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया, जबकि बालोद और बस्तर के पदाधिकारियों ने पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों, जैसे सुरक्षा और संसाधनों की कमी, पर चर्चा की। बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार तरुण पाड़ीं ने सभी जिलों की सक्रियता की सराहना करते हुए संगठन की एकता को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
पत्रकारों की सुरक्षा: समाज के लिए जरूरी
गरियाबंद जिलाध्यक्ष परमेश्वर यादव और महासचिव इमरान खान ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सच्चाई को उजागर करने वाले पत्रकार अक्सर खतरों का सामना करते हैं। इसके लिए ठोस रणनीति और नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि पत्रकार बिना भय के अपनी जिम्मेदारी निभा सकें। यह चर्चा इस बात को रेखांकित करती है कि पत्रकारों की सुरक्षा समाज की सच्चाई और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अनिवार्य है।
आयोजन की सफलता: एकता और समर्पण का प्रतीक
बैठक का संचालन प्रदेश महासचिव निहारिका श्रीवास्तव और प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रकाश यादव ने कुशलतापूर्वक किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को न केवल सफल बनाया, बल्कि संगठन की एकजुटता को भी प्रदर्शित किया।
समाज के लिए पत्रकारिता की नई दिशा
पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ की यह बैठक पत्रकारिता को समाज के लिए और अधिक प्रासंगिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशिक्षण, अनुशासन, और पत्रकारों की सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन मंथन ने यह स्पष्ट किया कि पत्रकार न केवल खबरों के वाहक हैं, बल्कि समाज में बदलाव के उत्प्रेरक भी हैं। यह बैठक न केवल संगठन को मजबूत करने का एक मंच बनी, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पत्रकारिता समाज की प्रगति और जागरूकता का आधार है। पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ का यह प्रयास निश्चित रूप से पत्रकारों को समाज के प्रहरी के रूप में और सशक्त बनाएगा
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