योगेश कुमार चौहान की रिपोर्ट

रायगढ़, 14 जुलाई। छग के सबसे बड़े भूअर्जन घोटाले में कार्रवाई की प्रक्रिया कछुआ गति से गतिमान है। दो साल जांच का आदेश देने में लगा दिए, एक साल एफआईआर का आदेश देने में लग गए, एक साल ईओडब्ल्यू को पत्र लिखने में लग गए। अब कार्रवाई कब होगी यह भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल राजस्व मंत्री ने विधानसभा में बताया है कि एसीबी-ईओडब्ल्यू जांच के लिए 20 जून 2025 को सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है। छग स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर 3 के भू-अर्जन में सबसे बड़ा घोटाला किया गया। बजरमुड़ा में सौ करोड़ का मुआवजा भी नहीं बनता लेकिन 415 करोड़ का अवार्ड पारित किया गया।
जांच रिपोर्ट आने के कई महीनों बाद अब जिम्मेदारों के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। बजरमुड़ा घोटाला रायगढ़ जिले में लारा कांड के बाद सबसे बड़ा सुनियोजित घपला है। इसमें प्रत्यक्ष रूप से सरकार को हानि पहुंचाई गई। संपत्तियों का गलत मूल्यांकन करने के कारण अरबों रुपए का मुआवजा देना पड़ा। जांच रिपोर्ट में मुआवजा पत्रक को दोषपूर्ण बताते हुए संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। असिंचित भूमि को सिंचित बताकर, पेड़ों की संख्या ज्यादा दिखाकर, टिन शेड को पक्का निर्माण बताकर, बरामदे, कुएं, पोल्ट्री फार्म आदि का मनमानी मुआवजा आकलन किया गया।
गणना के समय ही जिस भूमि पर 20 लाख का मुआवजा मिलता, उसमें बीस करोड़ का मुआवजा बना दिया गया। परिसंपत्तियों के आकलन में जमकर गड़बड़ी की गई, तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल ने इसे संरक्षण दिया।रायगढ़ निवासी दुर्गेश शर्मा की शिकायत पर राज्य सरकार ने जांच टीम बनाई थी। आईएएस रमेश शर्मा की अध्यक्षता में जांच की गई। मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में 449.166 हे. पर लीज स्वीकृत की गई। इसमें लीज क्षेत्र के अंतर्गत 362.719 हे. और बाहर 38.623 हे. भूमि पर सरफेस राइट के तहत भूअर्जन किया गया। जुलाई 2020 को प्रारंभिक सूचना प्रकाशित की गई।
22 जनवरी 2021 को अवार्ड पारित किया गया। इसमें केवल बजरमुड़ा के 170 हे. भूमि पर 478.68 करोड़ का मुआवजा पारित किया गया। सीएसपीजीसीएल ने अवॉर्ड राशि पर आपत्ति जताई लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ने केवल ब्याज को 32 माह से घटाकर 6 माह का किया। कंपनी को आंशिक राहत मिली जिसमें मुआवजा 415.69 करोड़ हो गया। पूर्व कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने तबादले के पहले इसमें अपराध दर्ज करने का आदेश एसडीएम घरघोड़ा को दिया था। सोमवार को यह मामला विधानसभा में उठा। विधायक धरमलाल कौशिक के प्रश्न पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि मामले में जांच रिपोर्ट 31 मई 2024 को मिली। इसके बाद विभाग को कार्रवाई के आदेश दिए गए। मामला एसीबी-ईओडब्ल्यू को देने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है।
कुछ अतिरिक्त नाम गिनाए मंत्रीजी ने
सीएसपीजीसीएल को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर-3 के गांव बजरमुड़ा में मुआवजा गणना में ही खेल किया गया। जहां घास थी वहां भी 2000 पेड़ दिखा दिए। जांच रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय ने कलेक्टर रायगढ़ को कार्रवाई करने का आदेश दिया था। पूर्व कलेक्टर ने एसडीएम घरघोड़ा को घोटाले के लिए जिम्मेदार तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल, तहसीलदार बंदेराम भगत, आरआई मूलचंद कुर्रे, पटवारी जितेंद्र पन्ना, पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत और बीटगार्ड रामसेवक महंत के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विस में बताया कि घोटाले के लिए जिम्मेदारों में चितराम राठिया रेंजर वन विभाग, केपी राठौर एसडीओ पीडब्ल्यूडी, देवप्रकाश वर्मा सहायक अभियंता पीएचई, बलराम प्रसाद पडि़हारी परिक्षेत्र सहायक खम्हरिया वृत्त वन विभाग, आरके टंडन सहायक अभियंता पीएचई, तिरिथ राम कश्यप तहसीलदार तमनार, सीआर सिदार पटवारी, मालिक राम राठिया पटवारी भी शामिल हैं, लेकिन एफआईआर आदेश से इनके नाम गायब हैं।
- मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: शिरडी, शनि सिंघनापुर व त्रयंबकेश्वर की यात्रा के लिए आवेदन 8 दिसम्बर तक - December 5, 2025
- सरसों तेल के क्या क्या लाभ एवं फायदे हैं? आइए जानते हैं। - December 5, 2025
- अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित, दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने दिखाई अपनी प्रतिभा - December 5, 2025
