लैलूंगा। गौवंश की रक्षा की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जिम्मेदारों की पोल उस वक्त खुल गई जब लैलूंगा नगर के नया बस स्टैंड के पास दो गाय माता की दर्दनाक मौत हो गई। ये घटना दिनचर्या इलेक्ट्रॉनिक और जनरल स्टोर के पास की बताई जा रही है, जहां दोनों गायों की बीच सड़क पर तड़प-तड़पकर जान चली गई, लेकिन प्रशासन से लेकर नगर पंचायत तक — किसी ने कोई सुध नहीं ली।

सुबह से ही स्थानीय लोगों ने कई बार नगर पंचायत और पुलिस थाना लैलूंगा को सूचना दी, मगर ना सफाई अमला पहुंचा, ना पशु चिकित्सा विभाग का कोई जिम्मेदार। पूरे दिन दो पवित्र गौमाताओं की लाश सड़क पर पड़ी रही और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। इससे क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश है।
लोगों का कहना है कि अगर यही लापरवाही किसी VIP क्षेत्र में होती तो पूरा तंत्र हरकत में आ जाता, लेकिन आम जनता की आवाज यहां बेअसर दिख रही है। दुकानदारों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि गर्मी और दुर्गंध से आसपास का माहौल असहनीय हो गया।
यह घटना साफ दिखाती है कि लैलूंगा नगर पंचायत की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। जहां एक तरफ करोड़ों रुपए स्वच्छता अभियान में खर्च किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीच बाजार में गौमाता की लाशें घंटों तक सड़कों पर सड़ती रहीं।
स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि नगर पंचायत और थाना प्रशासन जल्द कार्यवाही नहीं करता, तो जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की जाएगी।
अब सवाल यह है कि गौसेवा के नाम पर राजनीति करने वाले नेता और अधिकारी आखिर कब जागेंगे?
लैलूंगा की जनता जवाब मांग रही है — आखिर गौमाता के नाम पर सिर्फ भाषण ही क्यों, संवेदनशीलता क्यों नहीं?
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