लैलूंगा में संघ का शौर्य प्रदर्शन! शताब्दी वर्ष पर गूंजा राष्ट्रभाव – महिलाओं ने फूलवर्षा कर किया अभिनंदन

लैलूंगा — राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के पावन अवसर पर लैलूंगा में आज इतिहास रच दिया गया। नगर की धरती पर पहली बार इतना भव्य, अनुशासित और राष्ट्रगौरव से ओतप्रोत पथ संचलन देखने को मिला, जिसने हर दर्शक के मन में रोमांच भर दिया।
सुबह से ही नगर के विभिन्न मार्गों पर जनता का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में स्वयंसेवक गणवेश में सुसज्जित होकर अनुशासन की मिसाल बने हुए निकले, हाथों में दंड, कदमताल से गूंजती पंक्तियाँ, और “भारत माता की जय” के जयघोष ने पूरा वातावरण राष्ट्रभक्ति से सराबोर कर दिया।
महिलाओं ने किया फूलों से स्वागत
जब पथ संचलन नगर के मुख्य चौक पर पहुँचा, तो महिलाओं ने उत्साहपूर्वक फूलवर्षा कर संघ के कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया। उनके चेहरों पर श्रद्धा और गर्व साफ झलक रहा था। यह दृश्य किसी आध्यात्मिक अनुष्ठान से कम नहीं था। हर कोने से “जय श्रीराम”, “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” की गूंज सुनाई दी।
संघ का अनुशासन बना आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम का संचालन अत्यंत अनुशासित और सटीक ढंग से हुआ। हर स्वयंसेवक की चाल, दिशा और व्यवहार में एकरूपता देखने लायक थी। यह केवल पथ संचलन नहीं, बल्कि राष्ट्रनिष्ठा और संगठनशक्ति का जीवंत प्रदर्शन था, जिसने साबित कर दिया कि संघ केवल एक संगठन नहीं बल्कि भारत माता की आराधना का सजीव प्रतीक है।
दीपक सिदार ने दी प्रेरक उपस्थिति
इस ऐतिहासिक अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक सिदार (रायगढ़) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए स्वयंसेवकों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा
संघ का यह अनुशासन ही भारत की शक्ति है। जब समाज एक स्वर में, एक ध्वज के नीचे खड़ा होता है, तभी राष्ट्र सशक्त बनता है
नगर हुआ गौरवान्वित, जनता में उत्साह
पथ संचलन के मार्ग पर लोगों ने घरों की छतों, दुकानों और गलियों से फूल बरसाकर इस दिव्य आयोजन का स्वागत किया। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएँ – सभी में उत्साह की लहर थी। लैलूंगा ने आज अपने इतिहास में एक गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ दिया, जिसने आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा और अनुशासन का संदेश दिया।
अंत में संघ गीत और प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, लेकिन उपस्थित जनसमूह के हृदय में उठी राष्ट्रप्रेम की लहर देर तक गूंजती रही।
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